किरण टॉकीज के पीछे सरकारी जमीन पर कब्जा करने का मामला= स्वयं अतिक्रमण नहीं हटाया तो प्रशासन चला देगा बुलडोजर जुर्माना भी लगाया जाएगा
शहडोल। किरण टॉकीज के पीछे बहुत चर्चित दुर्गा मंच की धार्मिक सार्वजनिक जमीन एवं पौराणिक बावली में अतिक्रमण , कर लेने पर चपरा परिवार के खिलाफ पिछले 28 दिनों से नागरिकों द्वारा चलाए जा रहे क्रमिक अनशन के बीच सुहागपुर तहसीलदार द्वारा चपरा परिवार को कारण बताओं नोटिस जारी कर दिया गया है।
अभी हाल ही में मंगल वार को क्रमिक अनशन का समर्थन कर रहे लगभग एक सैकड़ा नागरिकों द्वारा कमिश्नर एवं कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर गुहार लगाई गई थी कि चपरा परिवार द्वारा सत्ता शासन के दबाव में जिस सार्वजनिक एवं सरकारी भूमि पर अतिक्रमण किया गया है उस पर से तत्काल अतिक्रमण हटाया जाए। कमिश्नर कलेक्टर दोनों ने नागरिकों को आश्वासन दिया था कि अतिक्रमण शीघ्र हटाया जाएगा। इसके पहले कलेक्टर द्वारा तहसीलदार को भेज कर विवादित भूमि का सीमांकन भी कराया गया था जिसमें चपरा परिवार द्वारा अतिक्रमण किया जाना पाया गया था फिर भी आक्रमण नहीं हटाया गया जिसके कारण अनशनकारियों द्वारा यह आरोप लगाया जा रहा था कि सत्ता शासन के दबाव में जिला प्रशासन पंगु हो गया है ।
तहसीलदार के नोटिस में कौन-कौन
से बिंदु पर मांगा गया
मध्य प्रदेश शासन संहिता की धारा 248 के अंतर्गत शांति चपरा पति स्वर्गीय सुभाष चपरा विवेक चपरा पिता स्वर्गीय सुभाष चपरा एवं मनीष चपरा पिता स्वर्गीय सुभाष चपरा को तहसीलदार द्वारा जो कारण बताओं नोटिस दी गई है उसमें कहा गया है कि ग्राम भुई बांध की शासकीय आराजी खसरा नंबर 72 बटे एक बटे एक रकवा 1.74 हेक्टेयर भूमि के अंश रकवा 0.052 हेक्टर भूमि पर राजस्व निरीक्षक द्वारा आप लोगों के विरुद्ध अवैध रूप से तार फेंसिंग कर अवैध कब्जा किए जाने के संबंध में प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है।
अतः आप उक्त निर्माण कार्य तत्काल रोक दें एवं 5 मई को 11:00 बजे इस न्यायालय में उपस्थित होकर कारण बताएं की क्यों ना आपको शासकीय भूमि से बेदखल किया जाए ।क्यों ना अवैध कब्जा की गई शासकीय भूमिका बाजारू मूल्य के अर्थ दंड से आरोपित किया जाए ।क्यों ना आपके अवैध निर्माण कार्य अवैध कब्जे की सामग्री को राजसात किया जाए या उपरोक्त निर्माण कार्य को तोड़कर बेदखल किया जाए तथा तोड़ने का खर्च आपसे वसूल किया जाए । क्यों ना अवैध कब्जा की गई शासकीय भूमि का बाजारू मूल्य से शासन के विहित प्रावधान अनुसार अर्थ दंड से आरोपित किया जाए। क्यों ना प्रथम बार 15 दिवस एवं कब्जा न हटने पर दूसरी बार 6 माह का सिविल जेल भेजने का प्रकरण सक्षम अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया जाए । क्यों न ₹500 पर प्रति दिन के हिसाब से जुर्माना किया जाए। अतः इस न्यायालय में उपस्थित होकर उपरोक्त अनुसार बिंदुबार स्पष्ट जवाब प्रस्तुत करें। जवाब प्राप्त न होने की दिशा में यह माना जाएगा कि आपको उपरोक्त आरोप स्वीकार है तथा आप अपने बचाव में कुछ नहीं कहना चाहते हैं तो विधि अनुसार आपके ऊपर एक पक्षीय कार्रवाई की जाएगी।
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