समन्वय के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्णेन्दु शोध संस्थान शहडोल के संस्थापक वरिष्ठ साहित्यकार पी. के. सिंह की तीन काव्य कृतियों का विमोचन पूर्व राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने किया ।
ज्ञात हो कि साहित्यिक संथा समन्वय का राष्ट्रीय सम्मेलन गत दिवस इलाहाबाद में सम्पन्न हुआ, जिसके अध्यक्षत पूर्व राज्यपाल श्री केशरी नाथ त्रिपाठी और मुख्य अतिथि के श्री सुधीर नारायण अग्रवाल, न्यायमूर्ति इलाहाबाद हाईकोर्ट थे ।
इस समारोह में नगर के यशस्वी साहित्यकार पूर्णेन्दु कुमार सिंह की तीन किताबों "मेरी माटी के दोहे" ( दोहा संग्रह ), आवारा तिश्नगी ( ग़ज़ल संग्रह) और "ख़ुशबू जंगल की" ( गीत संग्रह ) का विमोचन पूर्व राज्यपाल श्री केशरी नाथ त्रिपाठी एवं समारोह में उपस्थित अन्य अतिथियों ने किया ।
विमोचित पुस्तकों पर समारोह में हुई चर्चा में मेरी माटी के दोहे पर श्री रवि नंदन सिंह ने, आवारा तिश्नगी पर श्री बख़्तियार युसुफ ने और ख़ुशबू जंगल की पर श्री आक़िल सुल्तानपुरी ने विस्तार से अपने विचार रखे । समारोह को सफल बनाने में डॉ. यासमीन सुलताना और डा. कृष्णा मुखर्जी का विशेष योगदान रहा।
पूर्णेन्दु कुमार सिंह की अब तक 40 से ज्यादा कृतियाँ छप चुकी हैं । हिंदी भाषा एवं साहित्य में उनके अवदान की सराहना करते हुए हिंदी साहित्य सम्मेलन उमरिया के अध्यक्ष संतोष कुमार द्विवेदी , शहडोल के अध्यक्ष मिथिलेश राय, प्रगतिशील लेखक संघ अनूपपुर के अध्यक्ष गिरीश पटेल , वरिष्ठ साहित्यकार रामनिहोर तिवारी , रामसखा नामदेव , चिंतामणि पाठक , अवधप्रताप शरण आदि ने उन्हें बधाई दी है ।
0 Comments