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गणेश जी भी पक जाते हैं चरण वंदना करने वालों से

 *आवारा कलम से* दिनेश अग्रवाल वरिष्ठ पत्रकार


        गणेश जी पधार गये । उन्होने कार्यभार भी ग्रहण कर लिया । इधर से उधर और उधर से किधर , आने--जाने का अभ्यास होने से अब गणेश जी अपनी चरणवंदना करने वालों से पक गये ।  जब भी नये स्थान पर गणेश जी पहुंचते,  कुछ खास प्रजाति के लोग फूल--गुलदस्ते सजा कर आ ही जाते और कहते आप ही है, जो हम सबका कुछ कल्याण कर सकते हैं--- ।

 गणेश जी भी मुस्कुरा कर अगले भक्त की ओर देखने लगते ।

 वे पत्रकारों की जमात के  पुरोधा हैं । महर्षि

वेद व्यास के कहने पर महाभारत की उन्होने रचना की थी ।

     अफगान के खुले गगन पर तालिबानी  इबारत पढ कर जब किसी भक्त ने गणेश जी से पूंछा कि--- वहां पांच पत्रकारों को यातनायें दीं जा रहीं है , तब गणेश जी बोले कि,  शायद नये शासकों को गुलदस्ते भेंट करने वहां के पत्रकार न पहुंचे होगें । 

उन्होने स्वीकार किया कि सच तो यही है कि जो निपुणता इस धरा के पत्रकारों में है, वो सहज ही और कहीं देखने को नहीं मिलती ।  

अइसा क्या ? बजाओ ताली । इस साल का यही तकियाकलाम है गणेश जी का । वे जब भी किसी के बारे में कोई अचीवमेंट सुनते , जैसे--:

चूहा मोदक ले गया । 

यह बात किसी ने बतलाई   ।

 तो इसे सुनकर गणेश जी चहक जायेंगे और उचक कर बोलेंगे-अइसा क्या, बजाओ ताली  ।

    गणेश जी ने बडे-बडे पंडालों पर बैन लगने की आपदा को  भी अवसर में बदल दिया । वैसे भी

घर---घर  पधारने की

खुशी अलग होती है ।

लोग भी घर के मुखिया के उपनामों से गणेश को बुलाते है जैसे--:भाऊ के गणेश , लाला के गणेश

गुल्लू के गणेश ।

   एक भक्त गणेश जी के पास सन्नाटे में पहुंचा, और बोला कि भोजन-परसादी हो गई हो तो एक सवाल करूं ?

गणेश जी ने कहा कि फुर्सत ही है पूंछो -।

भक्त ने टी वी एंकर की तरह जलता सवाल दाग दिया और चीखने की अद्भुत कला के साथ बोला---टाइम कम है, घुमाना नहीं, दर्शकों को आप सच बताइये । जनता यही जानना चाहती है कि उसे अंधकार से बाहर लाया जाये और मेरा चैनल इस काम में नम्बर वन पर है तो आप ज्यादा टायम मत लें और साफ --साफ बतलायें कि  वो कौन सी परिस्थितियां थीं ,  कौन से हालात थे , कौन से कारण थे कि एक नारी का भरे दरबार में सर्वशक्तिशाली महारथियों की उपस्थिति में चीरहरण होता रहा, वस्त्र उतारे गये, नारी को अपमानित किया गया , उसकी लज्जा को तार----तार किया गया

और सब तमाशा देखते रहे ।  वो कोई खेल तो नहीं था ?

जल्दी से जबाब चाहिये  घुमाइयेगा मत सीधा जबाब दें ।

 पसीना पोंछ कर गणेश जी बोले, सवाल पूरा हो गया । आप शांत हो जायें तो में जबाब दूं ।

एंकर  फिर भडक कर बोला आपसे ऐसी उम्मीद बिल्कुल नहीं थी आप तय करने वाले कौन होते है ? एंकर मै हू और आप मुझे शांत रहने के लिये कह रहे है ? अभिव्यक्ति को रोकने वाले आप होते कौन है

इस चैनल ने सदा सर्वहारा वर्ग की आवाज को बुलंद किया है । हम अगले पैनेलिस्ट से मुखातिब होते है । 

यादव कुलश्रेष्ठ ,  आप जबाब दें ।

 देखिये!  ये हमारे, अच्छे मित्र है ।  मै जबाब देता हूं और पहले भी बतला चुका हूं ,  यह चैनल ही सही मायने में जीवंत अभिव्यक्ति  है । मुझे अन्य चैनलों में बुलाते है मगर में नहीं जाता क्यों कि हम सच के साथ रहते है ।

एंकर --- शाबास ! यादव जी, कम समय में आपने जिस बहादुरी के साथ सच का साथ दिया,  हम उसकी तारीफ करते है

जल्दी से मिलते है--।

 ब्रेक के बाद । 

🙏🏻  🙏🏻  🙏🏻

हां !  आप सभी का  स्वागत है ।सवाल वही है एक मौका और देते है महाभारत के रचयिता से हम जानना चाहते है कि  नारी के अपमान पर सभी खामोश क्यों रहे ?

 यह सवाल सभी के मन में है-- ।

 एक ब्रेकिंग न्यूज

अभी--- अभी जीरो ग्राउण्ड से मुलानी की ताजा रिपोर्ट --    मै मुलानी बोल रहा हूं 

यहां के राष्ट्रपति

देश छोड गये और कई बडे देशों के दूतावास बन्द हो गये ।  सब देश छोड गये । महिलायें असुरक्षित हैं । दनादन गोलियां चल रहीं है ।

दुनिया का हर देश खामोश है । मानवता रो रही है ।

---- ओह  !  हमारा कनेक्शन कट गया ।

तो गणेश जी बिना टाइम लिये हमारे दर्शकों

को सच बतायें ।

 देखिये----- और लाइट चली गई  ।

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