हर तहसील में खोलना चाहिए सर्व सुविधा युक्त कोविड- अस्पताल
नए चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टाफ की हो भर्ती
ऑक्सीजन एवं वेंटिलेटर दवाइयों वह एंबुलेंस की होनी चाहिए पर्याप्त व्यवस्था
शहडोल l प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शहडोल आए और आकर चले गए उन्होंने संभाग स्तरीय क्राइसिस मैनेजमेंट की मीटिंग जरूर ली परंतु आम जनता को उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री जी शहडोल संभाग को कुछ सौगात देकर जाएंगे किंतु ऐसा नहीं हुआ lकरो ना महामारी ने जिस तरह से कोहराम मचाया हुआ है लोगों की जान जा रही है तमाम कोशिशों के बावजूद मरीजों का इलाज उम्मीद के मुताबिक नहीं हो रहा है lडॉक्टरों एवं पैरामेडिकल स्टाफ की कमी है ऑक्सीजन और वेंटिलेटर कम पड़ जाते हैं अस्पतालों में बेड की कमी हो जाती है दवाइयां कम पड़ जाती हैं रेमदेसीविर इंजेक्शन अस्पताल से बाहर आकर चोरी छुपे बिक रहे हैं जिन मरीजों को इंजेक्शन लगना चाहिए नहीं लग रहा है शासकीय मेडिकल कॉलेज जैसे बड़े अस्पताल में मरीजों के पास डॉक्टर नहीं जा रहे हैं वार्ड बॉय के भरोसे मरीजों की चिकित्सा की जा रही है एंबुलेंस संचालक मनमाना किराया वसूल रहे हैं गांव गांव में हजारों की संख्या में सर्वे के दौरान मरीज सामने आ रहे हैं ऐसी स्थिति में अस्पताल और बैड का इंतजाम जिस तेजी से होना चाहिए नहीं हो रहा है lतीसरी लहर आने का भय बना हुआ है हम दूसरी लहर का सामना भी नहीं कर पा रहे हैं यदि तीसरी लहरा गई तब क्या होगा इसके लिए समय रहते सारे इंतजाम शासन प्रशासन को कर लेना चाहिए परंतु कोई इंतजाम नहीं किया जा रहा हैl लॉकडाउन से गरीब आदमी रोजी रोटी कमाने के लिए तरस रlहा है l इन तमाम समस्याओं से अवगत होते हुए भी लोकप्रिय मुख्यमंत्री ने ऐसा कुछ नहीं किया जिससे उनका आगमन सार्थक हो सकता था क्योंकि मीटिंग में जो कुछ उन्होंने कहा समझाया वह सब तो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भी किया जा सकता था l
उद्योगपतियों से क्यों नहीं ली जा रही मदद
जिस तरह से जैतहरी में मोजर बेयर कंपनी द्वारा 50 बेड का कोविड- अस्पताल स्थापित करने का निर्णय लिया गया है उसी तरह रिलायंस कंपनी ओरियंट पेपर मिल एवं अन्य उद्योग पतियों से सहयोग लेकर संभाग के प्रत्येक तहसील में कोविड- अस्पताल क्यों नहीं खोला जा रहा है राष्ट्रीय आपदा के समय यदि इन से सहयोग नहीं लिया गया तो आखिर यह कब सहयोग करेंगे जगह जगह ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने चाहिए एवं सर्व सुविधा युक्त अस्पतालों का इंतजाम समय रहते यदि नहीं किया जाएगा तो क्या महामारी की तीसरी लहर आज आने के बाद सरकार की नींद खुलेगी शहडोल संभाग ही रहे पूरे देश में जिस ढंग से कीड़े मकोड़ों की तरह लोगों की मौत हो रही है गंगा नदी में लाशें मिल रही हैं लार्सन जलाने के लिए लकड़ियां कम पड़ रहे हैं इसीलिए शायद लोग गंगा नदी मेला से फेंक रहे हैं बहुत ही भयावह स्थिति प्रतीत होती है l
वैक्सीनेशन की भी गति धीमी
पूरे देश की तरह शहडोल संभाग में भी वैक्सीनेशन की गति बहुत धीमी चल रही है जबकि जरूरत इस बात की है कि इस महामारी से बचने के लिए वैक्सीनेशन अति आवश्यक है मुख्यमंत्री जी क्राइसिस मैनेजमेंट की मीटिंग में वैक्सीनेशन के संबंध में जिस तरह से बता रहे थे उससे ऐसा प्रतीत होता है कीमत प्रदेश में भी वैक्सीन की बहुत ज्यादा कमी है इसीलिए पंजीरी की तरह थोड़ी-थोड़ी संख्या में हर जिले को वैक्सीन सरकार द्वारा प्रदान किया जा रहा है l
अस्पतालों में कुछ वेट बढ़ाने की बात की गई
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा संभाग स्तरीय क्राइसिस मैनेजमेंट की मीटिंग में मेडिकल कॉलेज जिला अस्पताल एवं पीएससी के अस्पतालों में कुछ बेड बढ़ाने की बात कहीं गई है जो कि स्वागत योग्य है परंतु कोविड- महामारी की भयावहता को देखते हुए यह ऊंट के मुंह में जीरा जैसी प्रतीत होती है मुख्यमंत्री जी ने कुछ आईसीयू बेड भी चर्चा बैठक में करते दिखाई दे रहे हैं परंतु यह चर्चा नहीं हुई की पीएम केयर फंड से मेडिकल कॉलेज शहडोल में जो 24 वेंटिलेटर आए थे वे अब तक चालू क्यों नहीं हुए डीन ने press को बताया था की वेंटिलेटर में कुछ खामियां है जिसके चलते वह चालू नहीं हो रहे हैं इसके लिए उन्होंने कंपनी को पत्र लिखा है आश्चर्य इस बात का है कि पिछले साल वेंटिलेटर शहडोल आ गए थे उस समय तत्काल खोलकर क्यों नहीं देखा गया और कंपनी से स्टाइल क्यों नहीं कराया गया यह किसकी लापरवाही है आज जब करोना मरीज बना रहे हैं तब आपने मशीनों को खोला है l




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